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Sab Yaad Hai - Poem By Raagvairagi

सब याद है

सब याद है


वो पांच रूपए का  रिचार्ज और रात भर बातें ,

वो बात करते करते सो जाना और सोते हुए मुस्कराना ,

सुबह होते ही मिलने पहुँच जाना, 

सब याद है..............


क्लास में छुप छुप कर मैसेज का रिप्लाई करना,

फिर दोस्तों से छुपाना और पकडे जाना ,

कैंटीन में तुम्हारे आते ही चेहरे का खिल जाना,

सब याद है..............


पार्क में घंटों बातें करना ,

घडी  का थम सा जाना,

पास हो कर भी नजरे न मिलाना ,

सब याद है.............


वो बस कर सफर और नीद में सर का झुकना,

फिर तेरे कंधे पर सर रख कर सो जाना,

तेरी साँसों को मेहसूस करना ,

सब याद है.............


I love you से I hate you में बदल जाना,

Whatsapp और Facebook पर ब्लॉक करना ,

फिर भीड़ में एक अजनबी बन जाना ,

सब याद है ...........






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