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Ab Tujhse Milne Ka Intezar Hai Mujhe - Love Poetry By Raagvairagi

Ab Tujhse Milne Ka Intezar Hai Mujhe - Love Poetry By Raagvairagi 


देखी है कई बार तस्वीर तेरी ,

अब तुझसे मिलने का इंतज़ार है मुझे ,

तेरी मासूमियत को जानता हु में ,

अब तुझे छूने का इंतज़ार है मुझे ,

बातें तो बहुत की है तुझसे ,

तेरी आंखों में खो जाने का इंतज़ार है मुझे,

सपनो में रोज मिलती है तू ,

अब तेरी बाहों में सो जाने का इंतज़ार है मुझे ,

जो बादे किये थे हमने ,

उन बादों का पूरा होने का इंतज़ार है मुझे,

तू देखे मुझे में देखु तुझे ,

ऐसे वक़्त गुजारने का इंतज़ार है मुझे। 

हाँ अब तुझसे मिलने का इंतज़ार है मुझे। 

Raagvairagi Poetry



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